Friday, April 18, 2014

मारखेज की याद आयेगी....

अपने आस पास के परिवेश को पिरोकर रचना संसार बनाने वाले मारखेज ने दुनिया को अलविदा कह दिया । उनके जाने से वास्तविक संसार को केंद्र में रखकर रचना करने वाले को हमने खो दिया है जो दर्द और मानसिक व्यथा को वर्णित करने वाला था। 
 कोलंबिया में पैदा हुए गार्सिया मारकेज ने विश्व साहित्य में वह दर्जा हासिल किया जो मार्क टिवन और चार्ल्स डिकेन्स को हासिल है। उनकी रचनाओं का जादू इस रंग चढता था कि उनकी रचनाओं के मुरीदों की फेहरिस्त  लंबी है । लैटिन अमेरिका के बाहर भी उनके मुरीद उससे प्रभावित हुए बिना नहीं रह सके।
वन हंड्रेड ईयर अाफ सालिट्यूड, क्रानिकल ऑफ ए डैथ फोरटोल्ड, लव इन दी टाइम ऑफ कोलरा तथा ऑटम ऑफ दी पैट्रिआर्क शामिल हैं, जिन्होंने बाइबिल को छोड़कर स्पैनिश भाषा की किसी रचना की बिक्री के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए थे।
1967 में लिखी गयी उनकी महान रचना वन हंड्रेड ईयर्स ऑफ सोलिटयूड की 25 से अधिक भाषाओं में पांच करोड़ से अधिक प्रतियां बिकी थीं। उनकी कहानियों में ऐसा तिलिस्मी तानाबाना होता था कि उन्होंने मारकेज को लोक कथाओं की तरह घर-घर का नाम बना दिया। 

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